भोपाल। इंदौर की रहने वाली एक स्टूडेंट्स ने विक्रम विश्वविद्यालय में पांच साल तक मेहनत करने के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना शोध कार्य पूरा किया और दीक्षांत समारोह में उपाधि भी ग्रहण की है। उसने अपने शोध में साल 2014 में मोदी के प्रथम बार प्रधानमंत्री बनने से लेकर 30 मई 2019 के दूसरे कार्यकाल की शपथ और वर्तमान समय में लिए गए फैसले के विश्लेषण के बारे में बताया है।
अंकिता त्रिपाठी ने क्या बताया?
शोध स्टूडेंट्स अंकिता त्रिपाठी ने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के बाद से ही मेरी इच्छा थी कि मैं बीजेपी के किसी विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त करूं। क्योंकि मेरे पिताजी रमाकांत त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं, जो कि फतेहपुर से जिलाध्यक्ष, कानपुर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रहने के साथ ही पिछले लोकसभा चुनाव में पांच जिलों के चुनाव संयोजक रह चुके हैं। इसीलिए मैंने पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पीएचडी आरंभ की थी। अंकिता त्रिपाठी ने आगे कहा कि डॉ वीरेंद्र चावरे की सलाह लेकर मैंने विक्रम विश्वविद्यालय से पीएचडी की है, जिसमें पॉलिटेक्निकल साइंस में हेड ऑफ डिपार्टमेंट दीपिका गुप्ता मैडम ने भी मेरी बहुत सहायता की है।
पीएम मोदी के कार्यों के बारे में बताया
अंकिता त्रिपाठी ने अपने शोध में उल्लेख करते हुए कहा कि साल 2014 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल को देखकर साल 2019 में उन्हें पसंद करने वालों की तादाद काफी बढ़ गई थी।
साल 2014 के बाद 2019 में कुछ राज्य ऐसे भी थे, जहां बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी। शोध में यह बताया गया कि नौ नवंबर 2016 को नोटबंदी काले धन का मुद्दा, हर गांव तक पानी, महंगाई पर नियंत्रण, अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा और उद्योग, नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, अस्पतालों का आधुनिकीकरण, गंगा के प्रदूषण पर विराम लगाने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम, पक्के घर बनाना, तीन तलाक और कोरोना टीका लगाने पर सभी से समान व्यवहार कर फैसलों के साथ ही पांच अगस्त 2019 को धारा-370 को हटा दिया गया और जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन किया गया।
इसके बाद कई साल से चले आ रहे अयोध्या में मंदिर विवाद को सुलझाकर मंदिर निर्माण के कार्य का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने 100 दिनों में भूटान, नेपाल और जापान का दौरा किया। इस शोध में यह भी कहा गया कि नरेंद्र मोदी का अब तक का कार्यकाल अन्य प्रधानमंत्रियों से अलग रहा है।