भोपाल। कूनाे नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों में से 4 साल की मादा चीता साशा की मृत्यु हो गई है। वह काफी दिनों से किडनी की बीमारी का सामना कर रही थी। नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतें लाए गए थे। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में छोड़ा था। इनमें साशा भी सम्मिलित थी। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। बता दें कि मादा चीता साशा का कूनो पार्क में ही पोस्टमॉर्टम होगा। इसके बाद यही पर अंतिम संस्कार भी होगा।
कब मिला था चीते का शव?
वन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी जेएन कंसोटिया ने जानकारी देते हुए कहा कि फीमेल चीते का शव 27 मार्च यानि कल सुबह मिला था, लेकिन उसकी मृत्यु कब हुई, यह पता नहीं चल पाया है। भोपाल से फॉरेस्ट और वेटरनरी डॉक्टरों की एक टीम पार्क में पहुंच चुकी है।
नामीबिया में साशा का हुआ था ब्लड टेस्ट
वन विभाग ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट हुआ था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले थी। कूनो में 22 जनवरी को डेली मॉनिटरिंग के दौरान डॉक्टरों के दल ने साशा को सुस्त पाया था।
कुनो में बचे 19 चीतें
आपको बता दें कि 17 सितंबर को कूनो में 8 चीते छोड़ने के बाद दूसरे चरण में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों को लाया गया था। 18 फरवरी को सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने इन्हें कूनो के बाड़े में छोड़ा था। इसके बाद कूनो में चीतों की संख्या बढ़कर 20 हो गई थी, पर सोमवार को एक चीते की मृत्यु के उपरांत ये संख्या घटकर 19 हो गई है।