Friday, September 20, 2024

MP News: प्रदेश में यूपी की तर्ज पर मदरसों पर बढ़ेगी निगरानी, देश में चल रहे तीन तरह के मदरसे

भोपाल। मध्यप्रदेश में भी अब यूपी की तर्ज पर मदरसों पर निगरानी बढ़ने जा रही है। यहां मदरसों का सर्वे होगा। इस बावत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्चाधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। सीएम ने खुद इसकी जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि कट्‌टरता का पाठ पढ़ाने वाले अवैध मदरसों और संस्थानों का रिव्यू होगा। प्रदेश में किसी तरह का अतिवाद और कट्‌टरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर भ्रम फैलानी वाली ख़बरों, अभद्र कंटेंट और कट्टर विचारों वाले पोस्ट पर कड़ी निगाह रखें और तत्काल एक्शन लें।

प्रदेश भर में 2689 मदरसे संचालित

मदरसा बोर्ड के मुताबिक प्रदेश भर में 2689 मदरसे संचालित हैं, जबकि इनमें से कुल 1755 के पास ही डाइस कोड और मान्यता है। डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर कार्यालय के मुताबिक भोपाल में ऐसे 479 मदरसे हैं। हालांकि प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे मदरसे चल रहे हैं जो कहीं से सम्बद्ध नहीं हैं। पहले मदरसों को केंद्र से ग्रांट मिलती थी, लेकिन 2014 के बाद ग्रांट मिलनी बंद हो गई, क्योंकि मदरसों के खिलाफ कई तरह की शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा समीक्षा मे मुख्यमंत्री ने बालाघाट में हुई नक्सल कार्यवाही पर अफसरों को शाबाशी दी। साथ ही पुलिस द्वारा बुरहानपुर में अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही की भी प्रशंसा की।

हमेशा मिलती रही यह शिकायत

मदरसों को लेकर हमेशा शिकायतें मिलती रही हैं। पिछले साल अक्टूबर में मप्र बाल आयोग ने विदिशा में मदरसा मरियम का निरीक्षण किया था। वहां 37 बच्चों में से 21 हिन्दू और 5 आदिवासी थे। 5 शिक्षकों में से किसी के पास यूजी-पीजी या बीएड की डिग्री नहीं थी।

देश में चल रहे तीन तरह के मदरसे

आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के मुताबिक 3 तरह के मदरसे देश में चल रहे हैं। मान्यता प्राप्त या प्रक्रिया वाले और वो जिनसे प्रशासन का संपर्क नहीं हुआ। तीसरी कैटेगरी में वो संस्थान हैं जिनमें औरंगजेब के ज़माने की शिक्षा दी जा रही है। आयोग ने एमपी सरकार को पिछले साल पत्र लिखकर निजी तौर पर संचालित मदरसों की मैपिंग के निर्देश दिए थे।

Latest news
Related news