Thursday, September 19, 2024

Surya Grahan 2023: आज सुबह लगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए इसके लगने की स्थिति

भोपाल। धरती पर मुख्य रूप से दो तरह के ग्रहण लगते हैं. एक सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण. धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण लगने की घटना का संबंध समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ बताया जाता है. इसके मुताबिक ग्रहण लगने का जिम्मेदार राहु-केतु को बताया जाता है. वहीं ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण का प्रभाव ग्रह-नक्षत्र और राशियों पर पड़ता है.

ग्रहण पर विज्ञान का मत

विज्ञान के अनुसार ग्रहण महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है. यह खसतौर पर तब घटित होती है, जब एक खगोल-काय जैसे कि चंद्रमा या ग्रह किसी अन्य खगोल-काय की छाया के बीच में आ जाता है. इस साल 20 अप्रैल यानी आज सूर्य ग्रहण लग चुका है, जोकि हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण उसे कहा जाता हैं, जो आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण होता है. ऐसा ग्रहण सौ साल में एक बार देखने को मिलता है.

कब लगता है सूर्य ग्रहण?

विज्ञान के मुताबिक सूर्य ग्रहण सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा के आने की वजह से लगता है. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो पृथ्वी से सूर्य का प्रकाश वाला भाग दिखाई नहीं देता और उस समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा की परछाई दिखाई देने लगती है. इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

सूर्य ग्रहण लगने की दो आवश्यक स्थिति

अमावस्या का दिन होना जरुरी है.

चंद्रमा का अक्षांश शून्य के पास होना चाहिए.

कब तक रहेगा सूर्य ग्रहण

आपको बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल यानी आज सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लग चुका है. यह दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगा हुआ है.

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