Friday, September 20, 2024

MP News: हाई कोर्ट ने PFI के 19 सदस्यों की जमानत याचिका को किया रद्द, आरोपियों ने दिए थे ये तर्क

जबलपुर। प्रतिबंधित संगठन PFI जमील समेत 19 आरोपियों ने अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी। जबकि प्रतिबंधित संगठन के एक अन्य सदस्य अब्दुल रूउफ द्वारा मेडिकल ग्राउंड के आधार पर याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट जस्टिस डी के पालीवार ने सुनवाई के बाद दोनों जमानत याचिकाओं को रद्द कर दिया।

19 सदस्यों ने गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की थी याचिका

आपको बता दें कि जेल में बंद पीएफआई के 19 सदस्यों की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उनकी गिरफ्तारी में विधि प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है। जिसके खिलाफ उन्होंने अपील की है। इसके अलावा उनके विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया गया है। याचिका में कहा गया था कि विधि प्रक्रिया के पालन नहीं किये जाने के संबंध में दायर याचिका पर अंतिम निर्णय नहीं होता है, तब तक उन्हें अंतरित जमानत का लाभ प्रदान किया जाना चाहिए।

उप महाधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह ने क्या कहा?

राज्य शासन की तरफ से उप महाधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह व शासकीय अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता ने जमानत याचिका का विरोध किया। साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपी प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का मेंबर हैं। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से आपत्ति जनक सामग्री पाई गई है। वे देश के विरूद्ध युद्ध और संविधान का विरोध कर रहे हैं। एसटीएफ व एटीएस ने जांच के उपरांत बीते वर्ष सितम्बर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। देशद्रोह सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत उनके खिलाफ अपराध दर्ज है। विधि प्रक्रिया को चुनौती देना जमानत का आधार कदा भी नहीं है। एकलपीठ को बताया गया कि जेल में अब्दुल रूउफ को मेडिकल सुविधा दी जा रही है। मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से कहा कि उन्हें ऐसी कोई गंभीर बीमारी नहीं है।

याचिकाकर्ताओं ने दिए तर्क

बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि प्रकरण में आरोपियों से रिमांड अवधि में पूछताछ हो चुकी है। वे बहुत दिनों से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। इसलिए उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद दोनों जमानत याचिकाओं को रद्द कर दिया।

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