Friday, September 20, 2024

MP News: महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी महिलाओं को कर रहे बेरोजगार ! जानिए पूरा मामला

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के फरमान ने हजारों महिलाओं को बेरोजगार करने की तैयारी कर ली है। आंगनवाड़ियों में पूरक पोषण आहार का काम स्वसहायता समूहों से लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को देने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आरंभ भी हो चुका है। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं बना रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक की योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल कर रहे हैं। वहीं, उनके ही विभाग के अफसर हजारों महिलाओं को बेरोजगार करने की तैयारी में हैं। आंगनवाड़ियों में पोषाहार की जिम्मेदारी अक्षय पात्र फाउंडेशन जैसे बड़े एनजीओ को देने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट का आरंभ हो चुका है और स्वसहायता समूहों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

शाहपुरा की 28 आंगनवाड़ियों में पोषाहार का जिम्मा

महिला एवं बाल विकास विभाग ने भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र की 28 आंगनवाड़ियों में संतुलित आहार पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों से लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को सौंप दी गई है। यह पायलट प्रोजेक्ट है। इसकी सफलता के बाद ही इस परियोजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा। इन आंगनवाड़ियों में लगभग एक हजार बच्चे लाभान्वित होते हैं। इन्हें भोजन पहुंचाने का उत्तरदायित्व अब अक्षय पात्र फाउंडेशन भोपाल का होगा।

सोमवार से खाना हुआ बंद

अब तक यह काम श्यामा स्वसहायता समूह के पास था। उसकी महिला सदस्य अब बेरोजगार हो गई हैं। समूह की अध्यक्ष प्रभा गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारे समूह को दो साल पहले आंगनवाड़ी में पोषाहार पहुंचाने का काम मिला था। सोमवार से खाना बंद कर दिया गया है। हम सभी बेरोजगार हो गए हैं। समूह ने आंगनवाड़ियों तक पोषाहार पहुंचाने के लिए लोन पर एक ऑटो भी खरीद लिया था। उसकी किस्त ही हर महीने 6 हजार 200 रुपये आती है। एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। अब समझ नहीं आ रहा कि ऑटो की किश्त कैसे चुकाई जाएगी। अब हम सिर्फ नाश्ता भेज रहे हैं। उसमें तो हमारी मजदूरी भी नहीं निकलेगी। इस समूह में यासमीन खान, दयावती मालवीय, शालू कुर्रे, जोहरा बी और सारा बी सहित अन्य महिलाएं जुड़ी हुई हैं।

प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने दिया कोई जवाब

इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बाद में कॉल करने का मैसेज किया। इसके बाद उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें मैसेज भी भेजे गए, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।

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