भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर पीठ में एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल ने डिप्टी कलेक्टर की जमकर क्लास लगा दी। जस्टिस अग्रवाल ने डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी से कहा कि आप तो सुप्रीम कोर्ट हो गए हैं क्योंकि आप हाई कोर्ट के फैसले की अपने मन मुताबिक व्याख्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, तिवारी ने जब अपने बचाव में तर्क देने की कोशिश की तो जज ने उन्हें चुप करा दिया। जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि आप अदालत की बात को ध्यान से सुनें नहीं तो मुसीबत में पड़ जाएंगे।
जज ने लिखित जवाब में निकाली थी कमियां
मामला तीन दिन पुराना है। रीवा जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में हाई कोर्ट में पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान जज ने तिवारी के लिखित जवाब में कई कमियां निकाल दीं। तिवारी ने अपने जवाब में लिखा था कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील खारिज कर दी है। इसलिए यथास्थिति बहाल की जानी चाहिए।
जस्टिस अग्रवाल जवाब पर हुए गुस्सा
जवाब देखते ही जस्टिस अग्रवाल का पारा चढ़ गया। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर से पूछा कि खारिज करने का मतलब समझते हैं आप। यदि कोर्ट ने अपील खारिज कर दी तो आदेश में यह क्यों लिखा कि 90 दिन के अंदर दूसरे पक्ष को सफाई का मौका दें। लगता है कि आप तो सुप्रीम कोर्ट हो गए हैं। आप हाई कोर्ट के आदेश की भी अपने हिसाब से व्याख्या कर लेते हैं। जज ने यह भी कहा कि आप लोक सेवा आयोग के जरिए इस पद पर आए हैं। इतनी जानकारी आपको होनी चाहिए कि रद्द करने का क्या मतलब होता है।
कलेक्टर अनुराग तिवारी ने प्रक्रिया को लेकर किया सवाल
जस्टिल अग्रवाल इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर से पूछा कि हाई कोर्ट के नोटिस की तामील हुई या नहीं। इस पर तिवारी ने जवाब दिया कि इसकी प्रक्रिया चल रही है। यह सुनकर जस्टिस अग्रवाल फिर भड़क गए। उन्होंने पूछा कि इसमें प्रक्रिया क्या होती है। डिप्टी कलेक्टर ने अपने बचाव में कुछ कहने की कोशिश की तो जज ने नसीहत दी कि आप सोच-समझकर बोलें और कोर्ट का आदेश ध्यान से सुनें, नहीं तो मुसीबत में पड़ जाएंगे।