भोपाल. एमपी अजब है यहां के नेताजी भी गजब है. पूर्व मंत्री को हार का डर सताया तो बोले 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता स्वीकृति देंगे तभी विधानसभा चुनाव लडूंगा. वहीं पूर्व मंत्री संजय पाठक को खुली आंखों से हार का डर दिख रहा है. शिवराज सरकार में सीनियर मंत्री पीडब्ल्यूडी गोपाल भार्गव ने मंच से ऐलान किया कि आगे बढ़ने के लिए तीन चुनाव लड़ने का आशीर्वाद मिला है.
नेता मनमानी करने में जुटे
मध्य प्रदेश बीजेपी में नेताओं की अपनी ढपली अपना राग इस वक्त चल रहा है. अपनी मनमानी नेता करने में जुटे हुए हैं. 2023 विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच नेताओं को अपने टिकट कटने का डर तो किसी को चुनाव में हार का डर सता रहा है. इसलिए नेता अलग-अलग जतन करते नजर आ रहे हैं. किसी को अपने टिकट में उम्र आड़े आने का डर सता रहा है तो कोई महाभारत का संजय बनने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए खुली आंखों से जनमत का हवाला दे रहे हैं. कई तो अपने लिए न सही अपनी सीनियरटी का हवाला देकर नेता पुत्रों के लिए टिकट मांगेंगे.
जनता की स्वीकृति पर लड़ेंगे चुनाव
चुनाव से पहले अपनी जीत पक्की करने के लिए बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक ने अजीबो गरीब ऐलान कर दिया. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि, मेरे क्षेत्र की जनता चाहेगी तभी मैं चुनाव लड़ूंगा. इसके लिए घर-घर पर्ची भिजवाऊंगा जिसमें जनता की स्वीकृति मांगी जाएगी. यदि 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता मुझे चुनाव लड़ने के लिए स्वीकृति देंगे तो मैं चुनाव लड़ूंगा अन्यथा विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा.
सुमित्रा महाजन ने नेता पुत्रों का रखा पक्ष
वहीं भाजपा नेत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नेताओं के बेटों को टिकट देने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि जो काबिल है उसे टिकट जरूर मिलना चाहिए चाहे वह नेता पुत्र क्यों ना हो. काबलियत रखने और सीट जीतने वाले को टिकट मिलना चाहिए. दरअसल, ताई के बेटे मंदार और मिलिंद महाजन राऊ से विधानसभा चुनाव लड़ने की रेस में हैं. लिहाजा कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश के विधायक बनने के बाद ताई की तमन्ना बाहर आई की नेता पुत्रों को टिकट मिलना चाहिए.