Friday, September 20, 2024

MP Politics: पटवारी भर्ती घोटाला शिवराज सरकार के लिए बना काल !

भोपाल. मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों ने सत्तारूढ़ बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. इस परीक्षा में कई अभ्यर्थियों को उच्च अंक मिलने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया था. इसके बाद, टॉप 10 में शामिल सभी अभ्यर्थी एक ही कॉलेज के निकले, जिसने इस मामले में और भी ज्यादा संदेह पैदा कर दिया है. मध्य प्रदेश के युवाओं में इस परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर खासा गुस्सा है. वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस मामले की जल्द से जल्द जांच की जाए और दोषियों को सजा दी जाए. अगर सरकार पटवारी परीक्षा में हुई धांधली को लेकर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो यह आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.

युवा वोटरों की बढ़ी संख्या

मध्य प्रदेश में युवा वोटरों की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले काफी बढ़ गई है. 2018 के विधानसभा चुनाव में, युवा वोटरों की संख्या करीब 5 करोड़ 7 लाख थी, जो 2023 तक बढ़कर करीब 5 करोड़ 40 लाख 90 हज़ार हो गई है. इसका मतलब पहली बार चुनाव में वोट डालने वाले 21 साल तक के युवा वोटरों की संख्या करीब 30 लाख है. वहीं 18 से 40 साल तक के युवाओं की बात करें तो उनकी संख्या करीब 2 करोड़ 80 लाख है.

पटवारी भर्ती घोटाला बना मुद्दा

बेरोज़गारी और नौकरी हमेशा से ही युवाओं के लिए सबसे अहम मुद्दा रहा है. मध्य प्रदेश में युवाओं की बेरोज़गारी दर 16.5 प्रतिशत है, जो देश के औसत से काफी अधिक है. इस वजह से युवाओं में सरकार के प्रति एक ख़राब राय बनी हुई है. पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों ने इस ख़राब राय को और भी गहरा कर दिया है. युवाओं को लगता है कि सरकार भ्रष्ट है और वह उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. अगर सरकार इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो यह आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है. अगर सरकार इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो यह आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.

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