भोपाल। कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मृत्यु हो गई है। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने चीता उदय की मौत की पुष्टि की है। चीता उदय की हालत को देखते हुए मौके पर मौजूद वन्यप्राणी चिकित्सकों और चीता कंसरवेशन फंड के एक्सपर्ट ने इलाज के लिए ट्रेंकुलाइज की जरूरत बताई। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर चीता उदय को बेहोश कर इलाज शुरू किया गया। उसे आइसोलेशन वार्ड में निगरानी के लिए रखा गया। इलाज के दौरान शाम करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई।
बीमार हालत में था चीता
वन विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि चीतों की निगरानी कर रहे दल को चीता उदय रविवार सुबह 9 बजे सिर झुकाए और सुस्त हालत में बैठा हुआ मिला था। जब वे उसके नजदीक गए तो वह उठकर लड़खड़ाकर चलना शुरू हो गया। हालांकि एक दिन पहले की निगरानी में चीता स्वस्थ्य पाया गया था। चीता उदय की हालत की सूचना वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। जिसके बाद उन्होंने मौके पर जाकर चीता उदय को देखा तो वह बीमार अवस्था में मिला।
कुनो में बचे अब 18 चीते
आपको बता दें कि पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में छोड़ा था। इनमें से एक मादा चीता साशा की किडनी में इंफेक्शन होने के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो में छोड़े गए थे। इनमें से एक नर चीता उदय की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इस तरह कुल 20 चीतों में से 2 की मौत हो जाने पर अब 18 चीते कूनो नेशनल पार्क में बचे है।