भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री के रूप में वर्तमान कार्यकाल के तीन साल 23 मार्च को पूरे हो रहे हैं। उसी दिन पर मुख्यमंत्री सरकार के तीन साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेंगे, जिसमें कोरोना महामारी के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों के साथ अन्य उपलब्धियां बताई जाएंगी।
वहीं, कांग्रेस भी इस रोज पलटवार की तैयारी कर रही है। वह भी रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी और जनता को बताएगी कि किस तरह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
मुख्यमंत्री ने 23 मार्च को सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करने की घोषणा की है। इसमें बताया जाएगा कि कोरोना महामारी के समय जब सभी गतिविधियां ठप हो गई थीं, तब दिन-रात काम करके स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया गया। पूंजीगत व्यय बढ़ाया, जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए। स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बैंकों से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण दिलवाए गए ग्रामीण और शहरी पथ विक्रेताओं को अपनी गारंटी पर ॠण दिलवाया गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, संबल योजना से लेकर अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया गया। समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं, धान, चना सहित अन्य उपज का दाना दाना खरीदा गया। फसल बीमा की राशि दिलाई गई । माफिया के विरुद्ध अभियान चलाया, जिसमें 23 हजार एकड़ भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई निवेश को बढ़ावा देने के लिए जो कदम उठाए, उससे प्रदेश में निवेश बढ़ा और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
विपक्ष भी है तैयार
वहीं, प्रदेश कांग्रेस ने तय किया है कि वह भी सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी। इसमें महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था सहित अन्य मोर्चों पर सरकार के विफल रहने की जानकारी दी जाएगी। पार्टी की ओर से आरोप पत्र भी जारी होगा। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया कि पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुओं की रेट कई गुना बढ़ गई है। बिजली की दर कई बार बढ़ाई जा चुकी है। बेरोजगारी चरम पर है। 24 लाख से ज्यादा बेरोजगारों के नाम पंजीयन कार्यालयों में दर्ज हैं।