भोपाल. मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला को साल 2014 के आसपास मध्य प्रदेश को हिला देने वाले व्यापमं घोटाले का नया संस्करण करार दिया जा रहा है, जो भाजपा शासित मध्य प्रदेश में अशांति पैदा कर रहा है और इसमें हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इसमें एक और बड़ा खुलासा हुआ है, विकलांगता कोटा में एक दर्जन से अधिक उम्मीदवारों का चयन हुआ है, जिन्हें सुनने में कठिनाई है और त्यागी उपनाम के हैं. ये सभी मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से आते हैं.
23 उम्मीदवार त्यागी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेरिट सूची की जांच करने के बाद पाया कि त्यागी उपनाम वाले 23 उम्मीदवारों का चयन किया गया है. ये सभी या तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे से या विकलांगता कोटे से हैं. जिन त्यागी का चयन किया गया है वे हैं- रामअवतार त्यागी, अरविन्द कुमार त्यागी, आकाश त्यागी, रेनू त्यागी, प्रवीण त्यागी, मनोज त्यागी, योगेन्द्र त्यागी, शकुंतला त्यागी, चंद्रकांत त्यागी, रमाकांत त्यागी, रश्मि त्यागी, आशीष त्यागी, राहुल त्यागी, अमित त्यागी, अभिषेक त्यागी, रोहित त्यागी, जयंत त्यागी, धीरेन्द्र त्यागी, कीर्तिनंदन त्यागी, विजय त्यागी, योगेश कुमार, शीलेष त्यागी और बैजनाथ त्यागी हैं.
कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा
इस पर कांग्रेस पार्टी ने भर्ती प्रक्रिया में घोटाले का आरोप लगाते हुए सबसे अधिक श्रवण बाधितों के मुरैना के त्यागी होने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि “यह केवल मध्य प्रदेश में ही संभव है और दुनिया में कहीं और नहीं. श्रवण बाधित लोगों का चयन किया गया है और वही लोग वन रक्षक के पद के लिए पूरी तरह से फिट हैं. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे.”