Friday, September 20, 2024

MP Politics: आदिवासी पर मैला फेंकने के मामले में सिंधिया ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर किया पलटवार

भोपाल. आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सरकार पर गंभीर टिप्पणी की थी. अब इस टिप्पणी को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पलटवार किया है. सिंधिया ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नसीहत देते हुए कहा है कि उनको कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. उल्लेखनीय है कि सिंधिया मंगलवार को खजुराहो के दौरे पर थे, जहां उन्होंने मीडिया कर्मियों से चर्चा करने के दौरान खड़गे को लेकर भी अपनी बात रखी.

सिंधिया ने किया पलटवार

सिंधिया ने कहा कि खड़गे और पूरी कांग्रेस को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. जो स्थितियां कांग्रेस शासित राज्यों में आदिवासियों के साथ बनी हुई हैं, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और जिस तरीके से खड़गे जी इस विषय पर पॉलिटिक्स कर रहे हैं तो मैं सोचता हूं कि यह निंदनीय है. मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार है और वहां सीधी पेशाब कांड जैसी इतनी घृणा पूर्वक जो घटना हुई थी, उसी समय एक्शन लिया गया था. साथ ही दोषी को NSA लगाकर गिरफ्तार किया था. सख्त से सख्त कार्यवाही उसके विरुद्ध हुई थी. उस आदिवासी व्यक्ति के पैर खुद शिवराज सिंह चौहान ने धोए थे. आदिवासी समाज का मान सम्मान सबसे ऊपर भारतीय जनता पार्टी ने रखा है. सिंधिया आगे बोले कि खड़गे ने जो ट्वीट किया उसकी तो मैं बात ही नहीं करना चाहता हूं. उनके राजस्थान में क्या हो रहा है यह सबको पता है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया था ये ट्वीट

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के महाराजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिकौरा गांव में 21 जुलाई को दलित देशराज अहिरवार के ऊपर मैला फेंकने की घटना हुई थी. इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने 24 जुलाई को ट्वीट करते हुए भाजपा की प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में 1 महीने में ही दलित-आदिवासियों पर अत्याचार की दूसरी बेहद निंदनीय एवं पीड़ादायक वारदात हुई है. जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है. भाजपा का सबका साथ केवल विज्ञापनों में ही सिमट गया. भाजपा हर दिन बाबा साहेब के सामाजिक न्याय के सपने को चूर-चूर कर रही है. हम मांग करते हैं कि छतरपुर जिले की इस घटना पर कठोर से कठोर कार्रवाई हो.

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