Friday, September 20, 2024

MP Politics: भोपाल के स्कूली छात्रों को 2 साल से नहीं मिल रही यूनिफॉर्म

भोपाल. राजधानी भोपाल में 20 जुलाई को जहां एक तरफ लाल परेड ग्राउंड में मेधावी छात्र छात्राओं को लैपटॉप के लिए 25-25 हज़ार की राशि के चेक दिए जा रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ भोपाल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 83 हज़ार 326 छात्र-छात्राएं सरकार की तरफ से 600 रुपये लागत में बनने वाली दो जोड़ी यूनिफार्म की जगह रंग बिरंगे कपड़े पहनकर या पुरानी यूनिफार्म पहनकर स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे.

खबर मिलते ही कमलनाथ ने साधा निशाना

ये जानकारी मीडिया में सामने आते ही कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर जमकर निशाना साधा. कमलनाथ ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए कि मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता में क्या ये स्कूली बच्चे नहीं हैं, जिनको यूनिफॉर्म तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. कमलनाथ ने इसे स्कूली बच्चों के साथ अन्याय बताया है.

यूनिफार्म के मिलते हैं 600 रुपये

दरअसल अभी भी प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल नही जाते हैं. जिसकी वजह से वो शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. ऐसे बच्चों को स्कूल से जोड़कर शिक्षा देने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के छात्र छात्राओं को हर वर्ष निशुल्क दो जोड़ी गणवेश दिए जाते हैं. इन छात्रों को हर वर्ष 600 रुपये की राशि दी जाती है. जिससे यह दो जोड़ी गणवेश खरीदते हैं. हर साल 15 अगस्त से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाती थी. कोरोना काल से पहले छात्रों को नगद राशि दी जाती थी लेकिन कोरोना काल के बाद से अब स्वसहायता समूह से यूनिफॉर्म तैयार करवा कर दी जाती है.

रंग बिरंगे कपड़े पहन रहे छात्र

पिछले 2 साल से छात्रों को अपनी यूनिफॉर्म का इंतजार है. यूनिफार्म नहीं मिलने की वजह से वह या तो अपनी पुरानी यूनिफार्म पहन कर आ रहे हैं या फिर बिना यूनिफार्म के स्कूल आ रहे हैं. अगर यही हालात रहे तो इस बार भी पिछली बार की तरह 15 अगस्त पर छात्र छात्राओं को पुरानी यूनिफार्म या यूनिफार्म के बिना रंग बिरंगे कपड़े पहन कर मनानी पड़ेगी.

कमलनाथ ने किया विरोध

वहीं कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए अपने ट्वीट में कहा कि ‘प्रदेश में कक्षा एक से आठवीं तक के शासकीय स्कूलों के लाखों बच्चों को अब तक स्कूल यूनिफार्म नहीं मिली है। क्या मध्यप्रदेश के नौनिहाल शिवराज सरकार की प्राथमिकता में कहीं नहीं है? स्कूली छात्रों के साथ इस तरह का सौतेला व्यवहार आखिर क्यों किया जा रहा है’

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