भोपाल. मध्य प्रदेश में आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया है और बीजेपी की शिवराज सरकार इसका जवाब भी देती रही है. सीएम शिवराज अपनी हर सभा में ये कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि वह एक लाख लोगों की सरकारी पदों पर भर्ती करने जा रहे हैं. अब तक 60 हजार भर्तियां कर चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस चुनावों से पहले बीजेपी पर पूरी तरह से हमलावर है. पहले पटवारी परीक्षा में धांधली को लेकर सरकार की जमकर घेराबंदी की गई, इसके बाद अब कांग्रेस ने शिक्षक भर्ती को लेकर बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने शिक्षक भर्ती वर्ग-3 में धांधली की आशंका जताई है. वहीं इसी शिक्षक भर्ती वर्ग-3 में ओबीसी अभ्यर्थियों को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक बड़ा खुलासा कर दिया है.
कमलनाथ ने सीएम शिवराज से किया आग्रह
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 18 वर्ष में ओबीसी वर्ग के खिलाफ काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने मुझसे शिकायत की है कि प्राथमिक शिक्षक वर्ग 3 परीक्षा 2020 की द्वितीय काउंसलिंग में 800 से अधिक ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र रोक दिए गए हैं. यह सभी अभ्यर्थी भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर धरना दे रहे हैं.’कमलनाथ ने आगे कहा कि ‘मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस शिकायत पर गंभीरता पूर्वक विचार करें. ओबीसी वर्ग के साथ अन्य बंद करें और न्यायोचित ढंग से योग्य व्यक्तियों को नियुक्तियां दें.’
कमलनाथ ने लगाया आरोप
कमलनाथ ने इससे पहले भी शिवराज सरकार पर हमला किया है. उन्होंने दो दिन पहले ट्वीट करते हुए कहा था कि चोरी और सीनाजोरी कमीशन राज सरकार का मूल मंत्र बन गया है. मुख्यमंत्री रोज पूरे प्रदेश में घूमकर विकास पर भाषण देते हैं और प्रदेश का नौजवान अपने भविष्य के विनाश पर आंसू बहाता है. प्रदेश में एक करोड़ से अधिक बेरोजगार नौजवान हैं, लेकिन इन्हें रोजगार की जगह नर्सिंग घोटाला, व्यापम घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला और आयुष्मान कार्ड घोटाला मिलता है. 50 प्रतिशत कमीशन के इस राज से विदाई के साथ ही इस घोटाला-राज का अंत होगा, तभी प्रदेश का नौजवान निशंक होगा.