भोपाल। छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने पदयात्रा शुरू की थी जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। बताया जा रहा है कि कल शाम उन्हें जमानत मिल गई है।
निशा बांगरे को मिली जमानत
छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपने इस्तीफे को लेकर पूरे प्रदेश भर में चर्चाओं में आईं थी। बताया जा रहा है कि उन्हें निशा बांगरे को जमानत मिली गई है। वो मंगलवार की रात करीब नौ बजे जेल से बाहर आईं और जेल से बाहर आते ही उन्होंने अपने बेटे सम्यक को गले लगाया। बता दें कि इस बीच कांग्रेस भी फ्रंट-फूट पर आ गई है। इसी के साथ ही यह खबर सामने आ रही है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह डिप्टी निशा बांगरे से मिलने पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि, कांग्रेस विधानसभा चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए महिलाओं के सम्मान से जोड़ सकती है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने चुनाव लड़ने की मंशा से इस्तीफा दिया था, जिसे सरकार ने नामंजूर कर दिया था। अपना इस्तीफा मंजूर कराने के लिए निशा बांगरे ने बैतूल के आमला से पदयात्रा शुरू की थी। बताया जा रहा है कि यह पदयात्रा दो दिन पहले राजधानी भोपाल पहुंची थी, जहां बोर्ड ऑफिस चौराहे पर ही पुलिस ने निशा बांगरे को गिरफ्तार कर लिया था और जेल पहुंचा दिया था। इस दौरान पुलिस से नोंक-झोंक के दौरान डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के कपड़े फट गए थे, तो वहीं उनके हाथों में मौजूद संविधान का फोटो भी फट गया था। यहीं नहीं निशा बांगरे जेल में भी भूख हड़ताल पर बैठ गई थी। उनकी जमानत के लिए उनके पति सुरेश अग्रवाल, भाई कमलेश कुमार सहित अन्य परिजन सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक एमपी नगर स्थित एसपी ऑफिस में डटे रहे थे। इसके बाद शाम 5.30 बजे उन्हें जमानत संबंधी दस्तावेज मिले।
कब शुरु की थी यात्रा
दरअसल, छतरपुर के लवकुश नगर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बैतूल जिले के आमला से पदयात्रा शुरु की थी। वह तय तारीख के अनुसार 9 अक्टूबर को न्याय यात्रा लेकर भोपाल पहुंच गई थी। निशा बांगरे अपने हाथ में भारत का संविधान और भागवत गीता लेकर न्याय यात्रा कर रही थी।