भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो चुकी हैं और वो चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। इधर, एमपी सरकार द्वारा छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। काफी दिनों से उनके इस्तीफे की खबर चर्चा में थी। नौकरी से इस्तीफा देने के बाद निशा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
कमलनाथ से मिलने पहुंचीं
बता दें कि निशा बांगरे ने गुरुवार को छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ की जनसभा में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। एमपी सरकार की पूर्व अफसर निशा छिंदवाड़ा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से मुझे कहा गया था कि वे उनके इस्तीफे का इंतजार करेंगे। अब जब मैंने इस्तीफा दे दिया है तो यहां पर कामनाथ से बात करने आई हूं अब वो क्या चाहते हैं?
क्या आमला से लड़ेंगी चुनाव?
निशा आगे बोलीं कि मैंने कल शाम में ही कमलनाथ से मिली थी। तब उन्होंने बताया कि दिल्ली और भोपाल में लोगों से बात करनी होगी। इस वजह से आज फिर मिलने आई हूं। निशा से पूछा गया कि आपकी पार्टी ने 7 बार प्रत्याशी बदल दिये हैं तो क्या अब आपको भी आमला से टिकट मिलेगी। इसका जवाब उन्होंने दिया कि उम्मीद पर दुनिया कायम है। मालूम हो कि एमपी चुनाव में कांग्रेस सात बार टिकट बदल चुकी है। इसमें शिवपुरी जिले की पिछोर और दतिया, नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव, सुमावली, पिपरिया, बड़नगर और जावरा विधानसभा सीट शामिल हैं।
नौकरी छोड़ राजनीति में आई
बता दें कि निशा अपनी नौकरी छोड़कर आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने तीन महीने पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था। हालांकि राज्य सरकार द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया था। ऐसे में वो सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने शासन को 23 अक्टूबर तक निर्णय लेने का निर्देश दिया।
जाना पड़ा था जेल
निशा बांगरे को इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके लिए उन्होंने आमला से भोपाल तक पैदल न्याय यात्रा निकाली। साथ ही निशा ने सीएम आवास के सामने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और एक रात जेल में बितानी पड़ी।